UI Movie Reviews: क्या Upendra Rao की फिल्म बनी Blockbuster या है फ्लॉप?

UI Movie Reviews Is Upendra Rao's film a blockbuster or a flop?
UI Movie Reviews

साउथ इंडस्ट्री के रियल स्टार उपेंद्र राव ने अपनी नई फिल्म UI से सिनेमा की परिभाषा को ही बदलने की कोशिश की है। यह फिल्म न तो एक टिपिकल मसाला मूवी है और न ही इसमें कोई साधारण कहानी है। UI को समझने के लिए आपके दिमाग और दिल दोनों को खुला रखना पड़ेगा। उपेंद्र ने इस फिल्म में समाज के गहरे मुद्दों और इंसानी सोच की जटिलताओं पर एक ऐसा आइना दिखाया है, जिसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है। लेकिन सवाल यह है—क्या UI वाकई एक ब्लॉकबस्टर है या दर्शकों के लिए एक पहेली बनकर रह जाएगी?

Upendra Rao की UI movie: कहानी और सोच का संगम

UI की शुरुआत होती है एक चौंकाने वाले डिस्क्लेमर से, जहां उपेंद्र सीधे दर्शकों से कहते हैं कि अगर आप खुद को ‘इंटेलिजेंट’ समझते हैं तो थिएटर छोड़कर चले जाएं। जो लोग फिल्म देखने के लिए रुकते हैं, उन्हें वे ‘फूल’ करार देते हैं। उपेंद्र का ये अंदाज न केवल अनोखा है, बल्कि दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इस फिल्म का असली मतलब क्या है।

फिल्म में पारंपरिक हीरो, हीरोइन और विलेन जैसे किरदारों की कमी है। इसके बजाय, यह समाज की कड़वी सच्चाई, धार्मिक अंधविश्वास, आर्थिक असमानता और राजनीतिक उथल-पुथल जैसे विषयों को छूती है। उपेंद्र ने UI को एक ऐसी फिल्म बनाया है जो मनोरंजन के साथ-साथ समाज पर सवाल उठाने का काम करती है।

क्या है UI का असली मतलब?

फिल्म का नाम UI अपने आप में एक रहस्य है। कुछ इसे ‘यूनिवर्सल इंटेलिजेंस’ का प्रतीक मानते हैं, तो कुछ इसे ‘यू एंड आई’ की कहानी के रूप में देखते हैं। फिल्म में यह दर्शकों पर छोड़ दिया गया है कि वे इसे कैसे समझते हैं। UI दरअसल जीवन की उन उलझनों की ओर इशारा करती है, जिन्हें इंसान अक्सर अनदेखा कर देता है।

फिल्म में ऐसे कई दृश्य हैं, जो दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर देते हैं। एक सीन में, उपेंद्र भविष्यवाणी करते हैं कि एक बच्चा बड़ा होकर या तो नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसा महान नेता बनेगा, या सबसे बड़ा अपराधी। ये दृश्य दर्शकों को अपने जीवन के फैसलों पर विचार करने का मौका देते हैं।

अभिनय और निर्देशन

उपेंद्र ने इस फिल्म में केवल निर्देशन ही नहीं किया, बल्कि अपने अभिनय से भी दर्शकों को बांधे रखा। उनका हर डायलॉग और हर सीन दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है। UI में उपेंद्र ने अपने पिछले कामों की तरह एक बार फिर दर्शकों को चुनौती दी है कि वे कहानी को खुद समझने की कोशिश करें।

उपेंद्र का निर्देशन बेहतरीन है। उन्होंने फिल्म में हर छोटी से छोटी डिटेल पर ध्यान दिया है। चाहे वह बैकग्राउंड म्यूजिक हो, सिनेमेटोग्राफी हो या फिर डायलॉग्स, हर पहलू शानदार है।

UI फिल्म का मुख्य संदेश

UI केवल एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक अनुभव है। यह हमें सिखाती है कि जीवन में हर चीज़ का मतलब समझना जरूरी नहीं है। कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जो केवल महसूस की जा सकती हैं।

फिल्म में दिखाए गए सामाजिक मुद्दे, जैसे आर्थिक असमानता, धर्म और राजनीति के जटिल समीकरण, दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं। उपेंद्र का मानना है कि सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं होना चाहिए, बल्कि यह समाज को जागरूक करने का एक माध्यम भी होना चाहिए।

आखिरी राय

UI उन फिल्मों में से है, जो या तो आपको पूरी तरह पसंद आएगी या बिल्कुल नहीं। यह फिल्म हर किसी के लिए नहीं है। अगर आप गहराई से सोचने और जीवन की जटिलताओं को समझने में रुचि रखते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक मास्टरपीस साबित हो सकती है।

फिल्म का क्लाइमेक्स और शुरुआत दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसे समझने के लिए जरूरी है कि आप इसे खुले दिल और दिमाग से देखें। यह फिल्म न केवल आपका मनोरंजन करेगी, बल्कि आपके सोचने के नजरिए को भी बदल देगी।

तो क्या आप UI देखने जा रहे हैं? या फिर आप इसे एक और जटिल फिल्म मानकर छोड़ देंगे? जवाब आपका है, लेकिन यह तय है कि UI एक ऐसा अनुभव है, जिसे भूल पाना आसान नहीं होगा।

Also Read – MrBeast का ₹42.5 करोड़ गेम शो! जानिए Beast Games की OTT रिलीज डेट और कैसे देखे?

Also Read – ऑस्कर की रेस से बाहर Laapataa Ladies, लेकिन एक हिंदी फिल्म ने मारी एंट्री

Leave a Reply