Meena Ganesh Actress का निधन: 81 की उम्र में छूटी इंडस्ट्री की दिग्गज आवाज़

meena ganesh actress
Meena Ganesh Actress

भारतीय सिनेमा की दुनिया में एक ऐसा नाम जिसे मलयालम थिएटर और फिल्मों के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा—Meena Ganesh Actress। 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। Palakkad के Shoranur में स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली। Meena को बीते कुछ दिनों से स्वास्थ्य समस्याएं थीं और उनका इलाज cerebral stroke के लिए चल रहा था। उनकी इस दुखद खबर ने उनके चाहने वालों और मलयालम सिनेमा के प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

Meena Ganesh एक ऐसा नाम था जो केवल सिनेमा तक सीमित नहीं था। उन्होंने थिएटर, टेलीविजन सीरियल्स, और फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनका करियर पांच दशकों से भी अधिक समय तक चला, जिसमें उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों और अनगिनत नाटकों में काम किया। उनके अभिनय की गहराई और उनके किरदारों की विविधता ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों का प्रिय बना दिया।

Meena Ganesh का जन्म 1942 में Palakkad जिले के Kallekulangara में हुआ। वे तमिल फिल्मों के जाने-माने अभिनेता K.P. Keshavan की बेटी थीं। उनका बचपन थिएटर और कला के माहौल में बीता। स्कूल के दिनों से ही उन्होंने थिएटर से जुड़ना शुरू कर दिया था। Koppam Brothers Arts Club के जरिए उन्होंने अपनी पहली नाटकीय प्रस्तुति दी। इसके बाद Coimbatore, Erode और Salem जैसे शहरों में उन्होंने अपने नाटकों के जरिए अपनी कला को और निखारा।

1971 में उन्होंने अभिनेता, निर्देशक और नाटककार A.N. Ganesh से शादी की। शादी के बाद दोनों ने मिलकर Pournami Kalamandir नामक एक थिएटर ग्रुप की स्थापना की। हालांकि, आर्थिक समस्याओं के चलते इस ग्रुप को तीन साल के अंदर बंद करना पड़ा। लेकिन Meena और Ganesh ने कभी हार नहीं मानी और अलग-अलग थिएटर ग्रुप्स के साथ काम जारी रखा।

Meena ने फिल्मों में अपनी शुरुआत P.A. Backer की फिल्म “Manimuzhakkam” से की। लेकिन उन्हें असली पहचान 1991 में आई फिल्म “Mukhamudra” से मिली। इस फिल्म में उनके किरदार Pathumma ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके अलावा, “Vasanthiyum Lakshmiyum Pinne Njanum,” “Meesha Madhavan,” “Nandanam,” और “Karumadikuttan” जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को बेहद सराहा गया।

थिएटर के क्षेत्र में भी उनका योगदान कम नहीं था। उन्होंने कई मशहूर नाटकों में काम किया, जिनमें “Panchajanyam,” “Fasah,” और “Simhasanam” शामिल हैं। “Fasah” में उनके द्वारा निभाए गए किरदार ‘Kulsumbi’ को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने खूब सराहा। यह नाटक Chalakudy Sarathi Theaters के लिए Thilakan द्वारा निर्देशित किया गया था। वहीं, उनके पति A.N. Ganesh द्वारा निर्देशित “Panchajanyam” ने तीन साल तक लगातार थिएटर में जगह बनाए रखी।

Meena और Ganesh ने लगभग 20 नाटकों में एक साथ काम किया, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के गहरे तालमेल को दर्शाता है। उनकी जोड़ी थिएटर प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय थी।

उनकी कला केवल उनके अभिनय तक सीमित नहीं थी; वे थिएटर की आत्मा थीं। वे एक ऐसी कलाकार थीं जो अपने हर किरदार में जान डाल देती थीं। चाहे वह Pathumma का किरदार हो या ‘Kulsumbi,’ Meena का हर किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया।

Meena अपने पीछे एक समर्पित परिवार छोड़ गई हैं। उनके बेटे Manoj Ganesh एक निर्देशक हैं और बेटी Sangeetha अपने व्यक्तिगत जीवन में स्थापित हैं। उनके निधन के बाद, Shoranur के Shanthitheeram में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

Meena Ganesh का जाना सिनेमा और थिएटर की दुनिया के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे न केवल एक महान अभिनेत्री थीं, बल्कि कई युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी थीं। उनकी जीवनी, संघर्ष, और कला प्रेम सिनेमा प्रेमियों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है।

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